Akbar Birbal Short Stories in Hindi (अकबर-बीरबल की लघु कहानियाँ)
Akbar Birbal Short Stories in Hindi, दोस्तों आज हमलोग इस लेख में अकबर-बीरबल की लघु कहानियाँ पढ़ेंगे | अकबर-बीरबल की कहानियाँ हमेशा से लोकप्रिये रही है साथ ही साथ हम ये भी देख्नेगे की कैसे बीरबल, बादशाह अकबर के कठिन से कठिन सवालों का जवाब आसानी से देते है |
Top 10 Akbar Birbal Short Stories in Hindi:
- दो गधों का बोझ
- पतीले का बच्चा
- गधे आम नहीं खाते
- गुठली – छिलके भी खा डाले
- जी मेहरबान
- गधे तंबाकू नहीं खाते
- खुद ही विधवा हो जाएगी
- ऊँट की गर्दन टेड़ी क्यों ?
- दो मुर्गो का तोहफा
- दाढ़ी के बाल
दोस्तों अब हमलोग अकबर-बीरबल की लघु कहानियाँ को विस्तार से पढ़ेंगे
दो गधों का बोझ
एक सुबह को बादशाह अकबर उनका पुत्र सलीम और बीरबल सैर को निकले टहलते टहलते वे लोग काफी दूर निकल गये | वापस लौटते समय, सूर्य जब काफी ऊपर चढ़ आया, तो बादशाह ने अपनी भारी भरकम लिवास गर्मी वजह से उतारकर बीरबल की ओर बढ़ा दिया | बाप की देखा देखी बेटे ने भी वैसा ही किया |
दो लिबासो का बोझ देख बादशाह बोला बीरबल अब तो तुम्हारे ऊपर एक गधे का बोझ हो गया होगा, इतना सुन बीरबल ने तत्काल उतर दिया – जहांपना एक का नहीं बल्कि दो गधों का बोझ हो गया है | यह तीखे प्रत्युतर सुनकर बादशाह झेंप गये |
पतीले का बच्चा
बर्तनों के व्यापारी के बारे में अकबर बादशाह को काफी शिकायत मिली | शिकायत यह थी कि व्यापारी लालची था वह लोगों को ठगता था, मगर उसकी ठगी साबित नहीं होती थी | बादशाह ने बीरबल से कहा की जाकर उसे सबक सिखाओ |
बीरबल ने दुकानदार के पास जाकर तीन किराये के पतीले लिये और जब वापस करने गये तो पतिलो के साथ एक छोटी पतीली को भी गये | दुकानदार बहुत खुश हुआ और पतीली ले ली | कुछ दिनों के बाद बीरबल, एक पतीली किश्तों पे ले आये | अगले दिन अफसोस से कहा – ” आपके पतीले की मृत्यु हो गई पतीले की
मृत्यु कैसे हो सकती है ? क्यों नहीं हो सकती ? ” लोगों को जमा करके किस्सा सुनाते हुए बीरबल ने कहा – ” जब पतीला बच्चा दे सकता है तो क्या उसकी मृत्यु नहीं हो सकती ? “
गधे आम नहीं खाते
एक दिन अकबर अपने हमराज बीरबल के साथ नगर भ्रमण को निकले | बादशाह ये बात जानते थे की आम का फल बीरबल को बहुत पसंद है | उन्होंने एक जगह आम के छिलके और गुठली का ढेर देखा और साथ ही साथ ये भी देखा की एक गधा चरते – चरते उन छिलको और गुठलियों के पास से गुजरा उन्हें सूंघे खाये बगैर आगे बढ़ गया | बादशाह को मजाक सुझा
बादशाह बोले – ” देखो बीरबल, गधे आम नहीं खाते “
बीरबल बोला – ” सच कहा सरकार गधे आम नहीं खाते “
तुर्की व तुर्की जवाब सुनकर बादशाह झेंप गये |
दो बैलों की कथा – मुंशी प्रेमचंद
गुठली – छिलके भी खा डाले
एक दिन आमों के मौसम में बादशाह अपनी बेगम और बीरबल के साथ बैठकर आम खा रहे थे | बादशाह आम चूसते जाते और दोनों के नजरे बचाकर अपनी गुठली – छिलको में सरकाते जाते थे | बेगम ने राजा की यह हरकत देख ली मगर संकोचवश कुछ कहा नहीं |
जब तीनों आम खा चुके तो बादशाह हंसे और बीरबल को गुठली – छिलकों का ढेर दिखाते हुए बीरबल से बोले देखो बीरबल मैंने तो दो -चार आम ही खाए , लेकिन बेगम साहिबा ने तो सारा पेटी ही ख़त्म कर दी | इसपर बेगम का सिर लज्जा से झुक गया | वह अब भी कुछ नहीं बोली – अलबत्ता बीरबल की और किसी अच्छे जवाब के उम्मीद से देखा जरूर |
बीरबल ऐसे अवसर पर कब चूकते, तपाक से बोले बादशाह सलामत आम तो हम सबने खाए | मगर आपने तो गुठकी – छिलके भी खा डाले | यह सुन के बादशाह झेंप गये , मगर बेगम खिल उठी |
जी मेहरबान
एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल के सामने अपनी विचार प्रकट किये, ” क्यों बीरबल जिन लोगो के नाम या पदबी के आखिर में ” बान ” लगा होता है | वे ज्यादातर कम अकल और छोटा काम करने वाले होते है न ? जैसे की कोचवान , दरबान , पहलवान , ठीक कहा न मैंने ? “
” जी मेहरबान | ” बीरबल ने बड़े अदब से कहा |
बादशाह चौके , और हसने लगे समझ गये की बीरबल ने स्वयं उनके शब्दजाल में उन्हें फंसा दिया है |
गधे तंबाकू नहीं खाते
बीरबल तंबाकू खाता था लेकिन बादशाह अकबर नहीं खाते थे | एक दिन अकबर ने तंबाकू के खेत में गधे को घास खाते देखकर कहा ” बीरबल ” ये देखो तंबाकू कैसी बुरी चीज़ है की गधा तक इसको नहीं खाता | ” ये सुन बीरबल बोला जी हजूर सच है ये गधे तंबाकू नही खाते यह सुन बादशाह शर्मिंदा हुए |
खुद ही विधवा हो जाएगी
जैसा की मशहूर है मुल्ला दो प्यादा और बीरबल में चलती रहती थी |
मुल्ला दो प्यादा की काफी उम्र हो गयी थी मगर वे अभी तक अविवाहित थे |
” एक दिन बादशाह अकबर ने पूछ लिया आप विवाह क्यों नहीं करते ? “
मुल्ला दो प्यादा ने कहा – ” मैं किसी विधवा से विवाह करना चाहता हु, ताकि विवाह भी हो जाये और पुण्य भी |
इतने में बीरबल ने झट से बोला ” आप विवाह तो करे | “
कुछ दिनों बाद वह खुद ही विधवा हो जाएगी |
ऊँट की गर्दन टेड़ी क्यों ?
एक अवसर पर बादशाह अकबर बीरबल की हाजिर जवाबी से खुश होकर उन्हें जागीर देने का वादा कर बैठे | वादा तो कर लिया पर जागीर देने की बात भूल बैठे | राज काज की ऐसी व्यस्तता रही की काफी समय बीत गया तब भी बादशाह को अपनी वादा याद न आया |
बीरबल यह टाक में थे की कोई उचित अवसर हाथ लगे तो बादशाह को उनके वादे की बात याद दिलाया जाये | ऐसा अवसर एक दिन हाथ आया जब बादशाह बीरबल के साथ सुबह सुबह घोड़े की सवारी कर के हवाखोरी को निकले | काफी आगे निकल जाने के बाद अचानक बादशाह को एक ऊँट नजर आया जो अपनी गर्दन उठाये अपने राह चले जा रहा था |
बादशाह ने मजाक में बीरबल से पूछ लिया – ” ऊँट की गर्दन टेढ़ी क्यों ?
बीरबल ने झट से कहा हजूर इसने ने भी कभी किसी को अपनी जागीर देने का वादा किया होगा और नजरे बचाए , गर्दन टेढ़ी किये – किये घूम रहा है |
बादशाह को अपनी वादे की बात याद आई | बीरबल से वादा याद दिलाने के अंदाज से बादशाह खुश हुए और उन्हें जागीर दे दी |
दो मुर्गो का तोहफा
बादशाह अकबर और बीरबल के बीच नोंक – झोंक चला ही करती थी | एक अवसर पर बीरबल ने बादशाह से शाही फरमान हासिल कर लिया जो व्यक्ति अपनी बीबी से डरता हो उसकी बात साबित होने पे बीरबल को एक मुर्गा बतौर तोहफा देना होगा |
कुछ दिनों बाद बीरबल ढेर सारे मुर्गे एकत्र करते हुए महल लौटे और बादशाह से कहा – ” हजूरे आली, अब मैं मुर्गे जमा करते करते थक गया हू कृपया कर अपना आदेश वापस ले लीजिए |
बादशाह बोले – कमान से निकले तीर की तरह अब यह तीर भी निकल चुकी है कोई औरबात कीजिए |
जैसा हुकुम आलमपनाह बीरबल ने कहा |
एक खास खबर है की पड़ोस की हुकूमत में एक शाहताद एकदम परी चेहरा है हर तरह से आपके योग्य है, आप उससे विवाह कर ले |
अकबर ने खीझकर इधर उधर देखा फिर बोला ” अमां धीरे बोलो जनानखाने में एक नहीं दो दो है।
बीरबल ने झट से कहा – लीजिए, आपको तो दो मुर्गो का तोहफा देना होगा |
अकबर की दो बीवियां थी |
दाढ़ी के बाल
एक दिन दरबार में दरबारीयों के बीच मनोविनोद चल रहा था | बादशाह अकबर रूचि ले रहे थे | मुल्ला दो – प्यादा ने बीरबल को निचा दिखाने के इरादे से बादशाह से कहा – ” हजूरे आला आप बीरबल की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करते है | मैं साधारण सा एक सवाल पूछना चाहता हु | इजाजत है ? “
इजाजत है बादशाह बोले |
“हजूर , बीरबल साहब का हाथ इनकी पत्त्नी के हाथ से एकाध दफा रोजाना ही स्पर्श होता होगा, क्या बीरबल साहेब ये बता सकते है की उनकी पत्त्नी के हाथ में कितनी चूड़ियाँ है ? “
बीरबल यह सुनके बड़े असमंजस में पर गये | उन्होंने कभी नहीं सोचा था की उनकी पत्त्नी के हाथ में कितनी चूड़ियाँ की गिनती भी कभी पूछी जा सकती है | वे झूठ बोलना नहीं चाहते थे – बात का जवाब बात से देना जरुरी था |
बीरबल बोले – जहांपनाह | मेरा हाथ तो अपनी पत्त्नी के हाथ से दिन में एकाध ही बार स्पर्श होता होगा , पर मुल्ला जी का हाथ तो अपनी दाढ़ी पर दिन में दस-बिस बार अवश्य ही स्पर्श होता होगा – भला यह ही बता दे की इनके दाढ़ी में कितने बाल है ?
मैं हर स्वीकार कर लूंगा |
मुल्ला दो – प्यादा इधर उधर झाकने लगे | भला दाढ़ी के बाल कौन गिनता है |
बादशाह, बीरबल की हाजिर जबाबी पर जोर से हंस पड़े |
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